इस्तांबुल: रूस और यूक्रेन के बीच तुर्की के शहर इस्तांबुल में हुई शांति वार्ता एक बार फिर बिना किसी बड़े नतीजे के खत्म हो गई. सोमवार को हुई इस बैठक में रूस ने ऐसी शर्तें रखीं, जिन्हें यूक्रेन ने सिरे से खारिज कर दिया. रूस ने मांग की कि यूक्रेन क्रीमिया और चार अन्य इलाकों—लुहांस्क, दोनेत्सक, जापोरिजिया और खेरसॉन—को पूरी तरह छोड़ दे, जो रूस ने 2014 से अपने कब्जे में ले रखे हैं.
इतना ही नहीं, रूस ने यूक्रेन से अपनी सेना को सीमित करने, नाटो में शामिल न होने और रूसी भाषी लोगों के अधिकारों को संरक्षित करने की शर्त भी रखी. रूस ने यह भी कहा कि यूक्रेन में रूसी भाषा को आधिकारिक दर्जा मिले और ‘नाजीवाद की महिमा’ पर कानूनी रोक लगे. यूक्रेन ने इन मांगों को ‘आत्मसमर्पण’ जैसा बताकर ठुकरा दिया और कहा कि रूस की ये शर्तें शांति की बजाय युद्ध को और लंबा खींचने की साजिश हैं.
बैठक में क्या हुआ?
यह वार्ता मार्च 2022 के बाद दोनों देशों के बीच दूसरी औपचारिक बैठक थी, जो मुश्किल से एक घंटे चली. दोनों पक्ष सिर्फ युद्धबंदियों की अदला-बदली और मृत सैनिकों के शवों को लौटाने पर सहमत हो सके. रूस और यूक्रेन ने सबसे कम उम्र और गंभीर रूप से घायल युद्धबंदियों को छोड़ने का फैसला किया. इसके अलावा, लगभग 12,000 मृत सैनिकों के शवों को उनके देशों को सौंपने पर भी सहमति बनी. यूक्रेन ने एक गंभीर मुद्दा उठाया कि रूस 400 यूक्रेनी बच्चों को जबरन अपने देश ले गया है. लेकिन रूस ने सिर्फ 10 बच्चों को लौटाने की बात मानी. रूस का दावा है कि इन बच्चों को युद्ध क्षेत्र से उनकी सुरक्षा के लिए ले जाया गया था, लेकिन यूक्रेन इसे अपहरण बताता है.
जेलेंस्की-पुतिन में होगी बात?
तुर्की के राष्ट्रपति रेसेप तईप एर्दोगन ने इस बैठक को ‘सकारात्मक’ बताया और उम्मीद जताई कि वह रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की को एक मेज पर ला सकते हैं, जिसमें अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी शामिल हों. ट्रंप ने हाल ही में यूक्रेन युद्ध को ‘खूनी स्नान’ बताते हुए इसे जल्द खत्म करने की अपील की थी. लेकिन रूस का कहना है कि वह सिर्फ अस्थायी युद्धविराम नहीं, बल्कि लंबे समय का समझौता चाहता है. वहीं, यूक्रेन का मानना है कि पुतिन शांति में दिलचस्पी नहीं रखते.
रूस की दो शर्तें
यूक्रेन ने अपनी शांति योजना पेश की, जिसमें रूस के कब्जे वाले इलाकों को अंतरराष्ट्रीय मान्यता न देने, यूक्रेन की सेना पर कोई पाबंदी न लगाने और रूस से युद्ध के नुकसान की भरपाई की मांग शामिल है. दूसरी ओर, रूस ने दो विकल्प रखे, जो यूक्रेन के लिए अस्वीकार्य हैं. पहला, यूक्रेन चार इलाकों से अपनी सेना पूरी तरह हटाए. दूसरा, यूक्रेन सैन्य तैनाती रोके, विदेशी सैन्य सहायता बंद करे और 100 दिनों के भीतर राष्ट्रपति व संसदीय चुनाव कराए. रूस ने यह भी सुझाव दिया कि कुछ इलाकों में दो-तीन दिन का युद्धविराम हो, ताकि मृत सैनिकों के शव इकट्ठे किए जा सकें.